बिहार बोर्ड मैट्रिक क्वेश्चन आंसर 2026
(1) बिरजू महाराज निमृत की शिक्षा किस और कब देनी शुरू की थी ।
बिरजू महाराज ने निहित की शिक्षा श्रम जी को 56 इस सी के आसपास देने लगे बिरजू महाराज उसे समय एक अच्छे पत्र की खोज में थे जिससे वह अपना खून देखकर के तमिल कर सके ।
(2) बिरजू महाराज के जीवन में सबसे दुखद समय कब आया उससे संबंधित प्रश्न का वर्णन कीजिए ।
बिरजू महाराज के जीवन में सबसे दुखत समय उनके बाबूजी की मृत्यु के बाद कथा पिता की मृत्यु के बाद दुष्कर्म और 13वां पैसे के लिए पैसे तक नहीं थे 10 दिन में दो प्रोग्राम करके ₹500 इकट्ठा किया तो 10 कम और 13वीं की गई ।
वैसे हालत में हुए कानपुर और देहरादून में नाच कर इसी तरह उसके पैसे से श्राद्ध कर्म किया घर का खर्च चलाने के लिए पैदल 3 मिल चलकर ₹25 में दो ट्यूशन पढ़ते थे।
₹50 में काम करके बिरजू महाराज इसी तरह पढ़ते थे रहे हैं शहरों में घूमते हुए कहीं प्रोग्राम मिल जाए तो दो ₹400 और भी कमा लेते हैं इस प्रकार कुछ महीने कट जाता ऐसी हालत थी बिरजू महाराज जी का ।
(3) शम्भू महाराज के साथ बिरजू महाराज का संबंध पर प्रकाश डालिए ।
शंभू महाराज बिरजू महाराज के चाचा जी थे बिरजू महाराज अपने बचपन के समय चाचा जी के साथ नजरी करते थे बिरजू महाराज कल के क्षेत्र में चाचा शंभू महाराज के अच्छा सहयोग रहा कोलकाता के प्रोग्राम में अपनी बाबूजी और चाचा जी के साथ-साथ नाच कर खुद फास्ट प्राइस प्राप्त किया ।
भारतीय कला केंद्र में भी चाचा का महत्वपूर्ण सहयोग बिरजू महाराज को मिला था ।
(4) कोलकाता की दर्शकों की प्रशंसा का बिरजू महाराज के नाटक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा ।
कोलकाता के एक प्रोग्राम में जब बिरजू महाराज अपने पिता और चाचा के साथ कार्यक्रम किया तो उनकी नाथ से वहां जितने भी दर्शन थे ।
खुश हुए 1st वां फर्स्ट प्राइज भेजो महाराज को मिला चैन और मॉडल मेडल भी उन्हीं को मिला कोलकाता के कॉन्फ्रेंस में जब बिरजू महाराज नाचे तो दर्शकों ने इतनी प्रशंसा की की तमाम अखबारों में बिरजू महाराज की पोस्ट छप गई धीरे-धीरे लोग इतना चाहने लगे कि उनके आकार कम के लोग दिखावा दिखाए हो गए अब वह समय दुख से सुख में बदल गया था
(5) संगीत भारती में बिरजू महाराज की दिनचर्या क्या थी ।
बिरजू महाराज संगीत भारती में 3 साल तक रहे उसमें उनकी दिनचर्या में सुबह 4:00 बजे प्रतिदिन उठा रहता था चाहे बुखार लगा है चाहे खांसी आ रही है फिर भी वह अपने दिनचर्या में अनुपस्थित ना रहे सुबह 5:00 से 8:00 बजे तक रियाज करके फिर घर जाना और 1 घंटे में तैयार होकर वापस 9:00 बजे से सुबह में 2 घंटे की क्लास करना होगा 3 साल मैंने खूब रियाज किया यही सोचा कि आगे बढ़ाना का सही अवसर यही है ।
(6) अपने विवाह के बारे में बिरजू महाराज क्या बताते थे ।
जब सिम वाजपेई ने पूछा कि आपकी शादी कब हुई तो बिरजू महाराज बताएं कि मैं 18 साल के था तभी मेरी शादी अम्मा जी ने कर दी थी ।
वह बहुत बड़ी गलती की जबकि आज हम सोच रहे थे कि पहले काम करने फिर शादी करें अम्मा जी शायद घबराई गई थी क्योंकि उनको तो चिंता था कि पिताजी मर जाएंगे उनका क्या होगा पता नहीं उसे घबराहट में शादी कर दिया गया था ।
(7) बिरजू महाराज अपना सबसे बड़ा जज किसे मानते थे ।
बिरजू महाराज अपना सबसे बड़ा जज अम्मा जी को मानते थे बिरजू महाराज को आगे बढ़ाने में अम्मा जी का बहुत बड़ा हक था अम्मा जी ने तो शुरू से ही उन बुजुर्गों की तारीफ कर मेरे सामने हरदम कहा करते थे कि बीते हुए ऐसा है।
वह संघर्ष करके आगे बढ़ रहा है सब मैं उसने सीखी है अम्मा मेरी गुरुवार भी थी जब भी मैं नाश्ता था तो सबसे बड़ा एग्जामिनर या जज अम्मा को समझता था मैं जहां भी नशा करता था अम्मा जी मेरे साथ रहती थी प्रोग्राम खत्म हो जाने के बाद मैं अम्मा जी से पूछा करता था कि कहीं गलती तो नहीं किया मतलब की बाबूजी बड़ा ढंग है ना तब तो कहती उन्हीं का तस्वीर हो तुम ।
(8) बिरजू महाराज की अपनी सभी वेदों के बारे में क्या राय है ।
अपने सागरों के बारे में बिरजू महाराज कहा कि आपरासिम वाजपेई जी हैं इतने ऐसे से किसी भी अच्छे खानदान की लड़की के नाम से तो हमें कहेंगे यही कि सरस्वती लगी है हुई है ।
विदेशियों में भेजने की भी तरक्की कर रही है तीरथ प्रताप प्रदीप के लोग नाम किए हैं अरे लड़कों में कृष्ण मोहन राम मोहन को उतना ध्यान नहीं है ।
(9) पुराने और आज के नेता को के बीच बिरजू महाराज का क्या फर्क पाते हैं ।
पुराने और आज के नाटकों के बीच बिरजू महाराज का अलग नजरिया है लोगों को बड़ी तसल्ली हो गया है कि काम हो गया अब हम कमाने लगे हैं ।
अपनी इतनी परफॉर्मेंस कर ले की तालियांले लो पैसे मिल जाएंगे बात खत्म हो गई कल के लिए सच्चे दिल से परेशान होने वाले बहुत कम लोग रहते हैं उससे आगे बढ़ाया जाए ।
(10) प्रस्तुत पंक्ति का स्पर्श व्याख्या करें ।
हमारे पाठ पुस्तक गोला भाग 2 के जीत में रखता हूं कहानी से ली गई है इसके लेखक पंडित बिरजू महाराज जी और संकलन कर्ता वसीम बाजपेई जी हैं या एक सरकार है इस कहानी के द्वारा लेखक से घर में जीवन से ना घबराए और अपने हर चांद का उपयोग करते हुए अपने दुख की बातों को हर किसी के सामने प्रकट न करने के बाद बताएं ।
सिर्फ चीज अच्छा हो तो उसमें कला सीखने की रुचि हो तो मैं उसे कला सीखने में पीछे नहीं हटता हूं मानो कि मैं यही उसका असिस्टेंट हूं लोग मेरे कल का आशिक है पूजा मेरा नहीं मेरे गुण को क्या करते हैं जो कि पंडित बिरजू महाराज के लिए बहुत ही बड़ा चीज साबित हुआ ।
उन्हीं के नाम से आज पूरी दुनिया को जान रही थी और पूरा अवॉर्ड शो पूरा परफॉर्मेंस का पूरा रिजल्ट उनको प्राप्त हुआ यही कारण था।
10th Hindi Vvi question Answer 2026
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