(1) फ्लेमिंग का बम हस्त नियम को लिखे ।
फ्लेमिंग के बम हस्त नियम के अनुसार अपने बाएं हाथ की तीन उंगलियां तर्जनी मध्यम और अंगूठा तीनों को एक दूसरे के लंबवत इस प्रकार की तर्जनी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को मध्यम विद्युत धारा की दिशा को संकेत करें तो अंगूठा चालक पर लगे बल्कि दिशा को बताया ।
(2) विद्युत मोटर क्या है ।
यह एक ऐसी युक्ति है जो विद्युत ऊर्जा को आंतरिक ऊर्जा में बदल देती है विद्युत मोटर में एक नल चुंबक होता है जैसे चुंबक क्षेत्र कहते हैं चुंबक के धूप के करो के बीच नाम लोहे के प्लेट प्रथम का तार लपेटा हुआ रहता है जिसे और मोर्चा कहते हैं और मोर्चा का अंतिम छोर पीतल के ब्लैक एंड से जुड़ा होता है ।
जिसे कार्बन का ब्रश स्पष्ट करता है जैसा कि नीचे दिखाया गया चित्र में
जबर नेचर में विद्युत धारा प्रवाहित कराई जाती है तो आर्मेचर की दो भुजाएं चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत होते हैं ईश्वर मोशन पर फ्लेमिंग एवं हस्त नियम के अनुसार बाल लगता है जिसके कारण और मेजर घूमता है या लगतारे की दिशा में घूमता है जिसके कारण से विद्युत मोटर कहा जाता है ।
चुंबकीय प्रेरण : विद्युत और चुंबक में धारा समान है जिस प्रकार विद्युत के कारण चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न किए जाते हैं उसी प्रकार के चुंबकीय क्षेत्र के कारण विद्युत में उत्पन्न किया जा सकते हैं इसी के समान में फ्राइडे साहब ने 1831 सीसी में महत्वपूर्ण खोज किया जिन्हें उन्होंने गतिशील चुंबकों का प्रयास कर विद्युत धारा की उत्पत्ति की फ्राइडे से हमने बताया कि विद्युत चुंबकीय प्रेरण यदि बंद कुंडली के अंदर चुंबक को गतिशील किया जाता है तो विद्युत धारा की उत्पत्ति होती है .
ठीक इसके विपरीत यदि चुंबक को स्त्री रखते हुए कुंडली को गतिशील कराया जाता है तब भी विद्युत धारा की उत्पत्ति होती है अर्थात परवर्ती चुंबकीय क्षेत्र के कारण किसी चालक ने विद्युत धारा उत्पन्न होने की घटना को विद्युत चुंबकीय प्रेरण का लाती है।
बिना चुंबक के प्रिया धारा प्राप्त करना
लकड़ी के डंडे पर दो स्थानों पर चालक तारों के लपेट देते हैं एक चालक तार के साथ बैटरी जोड़ देते हैं दूसरे चालक तार के साथ गैल्वेनोमीटर जोड़ते हैं ।
जब हम स्विच को चालू करते हैं तो देखेंटे हैं कि दूसरे परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है एवं गैल्वेनोमीटर थोड़ा सा विक्षेपित हो रहा है ।
जब स्विच को बंद करते हैं तो पुणे एक बार विद्युत धारा प्रवाहित होती है इसे यह प्रमाणित होता है कि बिना चुम्मा के भी पेड़ धारा उत्पन्न किया जा सकता है ।
(3) फ्लेमिंग में कितना चिन्ह नियम को लिखें ।
फ्लेमिंग के दक्षिण हस्त नियम के अनुसार अपने दाहिने हाथ के तीन उंगलियां तर्जनी मध्यम और अंगूठा को इस प्रकार से लंबवत फैलाए की तर्जनी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को दर्शाया अंगूठा चालक पर लगे बल्कि दिशा को बतलाएं तो माध्यम विद्युत धारा की दिशा को बताया ।
(4) विद्युत जनित्र डायनेमो क्या है सचित्र वर्णन करें ।
यह कैसी होती है जो यहां से पूजा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है या विद्युत चुंबकीय अभियान के सिद्धांत पर कार्य करताहै ।
बनावट। डायनेमो को बनाने के लिए एक शक्तिशाली नाथ चुंबक लेते हैं यह क्षेत्र चुंबक भी कहते हैं क्षेत्र चुंबक के बीच एक आयत का नाम लोहे के पेट होता है जिस पर बहुत सारा तांबा का तार लपेट होता है जिसके कारण इस कुंडली को और माचर भी कहते हैं और मच्छर के अंतिम छोर पिक्चर के प्लेयर से ढका होता है ।
जिस कारण ब्रश या स्पर्श करता है जैसा की चित्र में दिखाया गया है की क्रिया जवाब मुझे घुमाया जाता तो कुंडली के भीतर लगाकर चुंबकीय क्षेत्र में परिवर्तित होता है यह कुंडली को अब भाग ऊपर और सीधी भाग नीचे तो फ्लेमिंग के दाएं हाथ नियम के अनुसार धारा प्रवाहित होता है ।
पुणे आधे चक्र के बाद कद भुज ऊपर और अब भुज नीचे होती है जो पहले की दिशा का विपरीत है इसे पता चलता है कि प्रत्येक डरबन के अधिक चक्र में धारा का मन बदल रहा है अर्थात सन से महत्तम और मातम से सन हो रही है ।
जब कुंडली चुंबकीय क्षेत्र का समांतर होती है तो इसी स्थिति का धारा का मानसून होती है ।
लेकिन जब कुंडली चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत होती है तो इसी स्थिति धारा का मन महत्तम होती है धारा में परिवर्तित मां होने के कारण धारा को प्रवृत्ति धारा कहा गया है तथा इस प्रकार के जनित्र को विद्युत जनित्र डायनेमो कहा गया है ।
(4) दृष्टि धारा डायनेमो क्या है ।
यह एक ऐसा युक्ति है जिसे दृश्य धारा प्राप्त होती है या विद्युत चुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत प्रकार करती है दृश्य डायनेमो को बनावट लगभग बढ़ती धारा डायनेमो जैसा ही होता है ।

हर सिर्फ इतना होता है कि इससे ब्लैक के खंड लगे होते हैं इसमें प्रत्येक आधे गुणन के बाद धारा का मन बदलने पर भी यह लगता है की दिशा प्रभावित होता है इसलिए एक प्रकार के जनहित को दृष्टि देने में कहा जाता है ।
(5) घरेलू विद्युत परिपथ में श्रेणी क्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है ।
घरेलू विद्युत परिपथ में श्रेणी क्रम संयोजन का उपयोग नहीं किया जाता है क्योंकि जैसे-जैसे हम श्रेणी क्रम में विद्युत उपकरण को जोड़ते हैं ।
टूल धारा कम होती जाती है जिसके कारण सभी विद्युत उपकरण की रोशनी कम हो जाती है साथी घरों में ब्लैक पंख एवं मान्य विद्युत उपकरण समांतर क्रम में सुमित रहते हैं सभी अप करने के दोनों छोड़ के बीच विभावांतर समान रहता है ।
फिर जलने पर दूसरे में धारा का प्रभाव बंद नहीं होता है एक ब्लैक अगर फस कर जाए तो परिपथ में धारा का बहाना बंद हो जाएगा । यही कारण की घरेलू विद्युत परिपथ में श्रेणी वन संयोजन का उपयोग नहीं किया जाता है ।
10th Science Subjective Paper 2025
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