Bihar Board 10th Social Science Question Answer 2026: बिहार बोर्ड समाजिक विज्ञान क्वेश्चन आंसर 

 

बिहार बोर्ड समाजिक विज्ञान क्वेश्चन आंसर 

(1) आधारिक संरचना पर प्रकाश डालें ।

 उत्तर  आधारिक संरचना का मतलब उन सुविधाओं तथा सेवाओं से है जो देश के आर्थिक विकास के लिए सहायक होते हैं जैसे बिजली परिवहन संचार बैंकिंग स्कूल कॉलेजेस अस्पताल आदि ।

किसी भी देश के आर्थिक विकास में आधारित रचना का महत्वपूर्ण स्थान होता है जिस देश का आधारभूत ढांचा जितना अधिक विकसित होगा वह देश उतना ही आर्थिक से विकसित होगा ।

(2) बिहार के आर्थिक पिछड़ने के क्या कारण है बिहार के पिछड़ने दूर करने के लिए कुछ मुख्य उपाय बताएं ।

 उत्तर। बिहार में बिछड़ने का कारण पहले है तेजी से बढ़ती जनसंख्या बिहार में जनसंख्या के कारण विकास के साधन काम होता जा रहा है जनसंख्या का वर्णन पोषण मुश्किल होता जा रहा है ।

आधारिक संरचना का भाव राज में सड़क बिजली एवं सिंचाई का भाव है शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है इस वजह से भी बिहार में स्थिति बनी हुई है ।

कृषि पर निर्भरता  _ बिहार में अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है हमारे कृषि का भी पिछड़ी हुई है इसके चलते उपज कम होता है ।

बाढ़ और सुखार से छाती प्रतिवर्ष वार्ड एवं सुखद से बिहार में लाखों करोड़ों की संपत्ति बर्बाद हो जाती है बिहार में खासकर उत्तरी बिहार में नेपाल से आए जल में बाढ़ आती है ।

औद्योगिक पिछड़ापन:  किसी भी देश या राज के लिए उपयोग का विकास जरूरी होता है लेकिन बिहार में औद्योगिक विकास कुछ दिखता ही नहीं है यहां के सभी खनिज क्षेत्र एवं बड़े उद्योग तथा प्रति वृत्ति अभियंत्रिक संस्था सभी झारखंड चले गए हैं इसी कारण बिहार में कार्यशील औद्योगिक इकाइयों की संख्या नायक के बराबर हो गई है ।

गरीबी : बिहार कैसा राज है जहां गरीबी का भार काफी अधिक है राज्य में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत के आधे से भी काम है इसके चलते भी बिहार पिछड़ा है बिहार में निर्धनता का चक्र है ।

खराब विधि व्यवस्था : किसी भी देश या राज्य के लिए शांति तथा सुबह व्यवस्था जरूरी होती है लेकिन बिहार में वर्षों तक कानून व्यवस्था कमजोरी स्थिति में चल रही है ।

जिसके चलते नागरिक शांति पूर्वक उद्योग नहीं चला पा रहा था इस तरह खराब विधि व्यवस्था भी बिहार के बिछड़ने का एक महत्वपूर्ण कारण बना हुआ है ।

(2) देश के आर्थिक विकास में बिहार की भूमिका पर प्रकाश डालें ।

उत्तर भौगोलिक क्षेत्रफल तथा जनसंख्या दोनों से ही बिहार का स्थान भारत में अपना एक अलग-अलग महत्व रखता है इसलिए कहा जाता है कि यदि भारत का विकास करना चाहते हैं तो बिहार का विकास करना आवश्यक है ।

चार नीति साझेदारी की बात हो अथवा विकास के मापदंड को स्थापित करने की बात हो आप बिहार को नजर अंदाज नहीं कर सकते हैं।

एक प्रसिद्ध शास्त्री गुर्जर नेता की नई विश्व के संदर्भ में या कहा था कि गरीबी कैंसर रोग की तरह जिस तरह शरीर में छोटी से भाग में हुआ ।

कैंसर पूरे शरीर के विश्वात्मक कर देता है ठीक उसी पत्र किसी एक भाग की गरीबी पूरे विश्व की संपन्न लता के लिए घातक होता है ।

इस तरह बिहार के पिछड़ा और गरीब रखकर हम भारतवर्ष के विकास एवं समिति की कल्पना नहीं कर सकते हैं बिहार देश का एक ऐसा राज है जहां अत्यधिक उर्वशी उर्वरक भूमि है हिमालय से निकलने वाली नदियों में अनुराग जल प्रभाव होता रहता है ।

उत्तर यहां धरती के नीचे काम सतह पर ही जल प्राप्त हो जाते हैं यदि बिहार की नदियों को परस्पर जोड़ा कर रखा जाए तो जल संसाधन का उपयोग के योजना को लागू कर दिया जाए तो उत्तरी बिहार कुमार का यह भी शक से बचाया जा सकता है ।

तथा दक्षिण बिहार को सिंचाई की सुविधा के द्वारा सुख से राय दिलाई जा सकती है बिहार में दक्ष मानव संशोधन की कमी नहीं है न केवल वर्तमान प्रौद्योगिकी टेक्नोलॉजी क्षेत्र में बिहार के भागीदारी अधिक है बल्कि यहां के कम पढ़े लिखे मजदूरों ने भी दूसरे राज्यों में जाकर वहां के विकास को फली भूत बनाया है ।

(3) गरीबी ही गरीबों को जन्म देती है कैसे ।

उत्तर  गरीबी ही गरीबों को जन्म देती है क्योंकि गरीबी के कारण उनकी आय कम होती है शिक्षा और अज्ञानता के कारण बच्चों का जन्म अधिक होता है ।

फलता उनकी अगली पीढ़ी अधिक गरीब हो जाती है गरीब का यह एक कुकर लगातार चलता रहता है ।

(4) आई कि गरीबों के साथ संबंध स्थापित करें ।

उत्तर  गरीबों की प्रति व्यक्ति आय पर गहरा प्रभाव पड़ता है गरीबों के कारण बचत का स्तर निम्न होता है काम बचत के कारण पूंजी निर्माण दर कम होती है ।

जिसे वियोग भी कहा होता है जिसके परिणाम स्वरुप प्रति व्यक्ति आय पूर्ण निम्न स्तर पर कायम रहती है ।

(5) क्या प्रति व्यक्ति आय में राष्ट्रीय आय को जोड़ा जा सकता है ।

उत्तर  प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि से राष्ट्रीय आय के वृद्धि होती है क्योंकि प्रति व्यक्ति आय संयुक्त रूप से सभी व्यक्तियों के आय के सहयोग को राष्ट्रीय आय कहा जाता है ।

राष्ट्रीय आय एक प्रति व्यक्ति आय के परिवर्तन होने से इसका प्रभाव राष्ट्रीय आय वास्तव में देश के अंदर उत्पादित शुद्ध उत्पत्ति को कहते हैं ।

लेकिन उत्पत्ति में वृद्धि तभी होगा जब उत्पन्न अधिक से अधिक होगा ।

(6) क्या गरीबी ही गरीबों को जन्म देती है ।

उत्तर गरीबी ही गरीबों को जन्म देती है या कथन प्रसिद्ध शास्त्री रेगुलर नराकास ने गरीबों को कुछ करके रूप में व्यक्त किया है जिसका सर यह है कि गरीब इसलिए है कि उनमें गरीबी है गरीबों के कारण उनकी आयु कम होती है ।

शिक्षा और अज्ञानता के कारण बच्चों को पैदाइश जन्म अधिक होता है फलता उनकी अलग पीढ़ी अधिक गरीब हो जाती है गरीब का या कुचक लगातार चलता रहता है जिसका मतलब यह है कि गरीबी ही गरीबों को जन्म देती है ।

(7) गरीबों की दुष्चक्र की धारणा बताइए ।

उत्तर गरीबी ही गरीबों को जन्म देती है याद कर कथन प्रसिद्ध शास्त्री रघुनाथ नराकास ने गरीबों की कुछ चक्र के रूप में व्यक्त किया है जिसका मतलब यह है।

कि गरीबी इसलिए गरीब है उनमें गरीबी है गरीबों के कारण उनकी आय कम होती है । शिक्षा अभियंता के कारण बच्चों की पैदाइश जान में अधिक होता है फलता उनकी अगली पीढ़ी अधिक गरीब हो जाती है गरीबी किया है ।

कुचक लगातार चलता रहता है जिसका मतलब यह है कि गरीबी ही गरीबों को जन्म देती है ।


(8) क्या प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि राष्ट्रीय आय को प्रभावित करती है इसका वर्णन करें ।

उत्तर  प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि राष्ट्रीय आय को निश्चित रूप से प्रभावित करती है ।

वस्तुतः राष्ट्रीय आय जो देश की कुल जनसंख्या से भाग देने पर जो भागफल आता है उसे प्रति व्यक्ति आय कहा जाता है ।

अतः जब प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती है तो जो राष्ट्रीय आय में भी वृद्धि होती है परंतु यह तभी संभव है जब जनसंख्या वृद्धि दर राष्ट्रीय आय में वृद्धि दर से कम है ।

यदि जनसंख्या वृद्धि दर अधिक होगी तो प्रति व्यक्ति आय कम हो जाएगा जिसका नकारात्मक प्रभाव राष्ट्रीय आय पर भी पड़ेगा और देश में गरीबी और बेरोजगारी बढ़ जाएगी अतः प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि राष्ट्रीय आय को बढ़ावा के साथ ही जनसंख्या वृद्धि दर में कमी हिलानी होगी ।

(9) लोकतंत्र क्या है ।

उत्तर लोकतंत्र की परिभाषा अमेरिका के बहुत पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के अनुसार लोकतंत्र जनता का जनता के लिए जनता का द्वारा चुने गए शासन को लोकतंत्र कहते हैं लोकतंत्र ग्रीक भाषा के दो शब्दों में स्वर्ग एशिया से मिलकर बनाया हुआ होता जिसका अर्थ जनता का शासन होता है ।

(10) क्या सत्ता में साझेदारी जरूरी है अगर हां तो कैसे ।

उत्तर  हां सत्ता में साझेदारी बहुत जरूरी है क्योंकि सत्ता में साझेदारी से समूहों के बीच टकराव की संख्या कम है हो जाती है सत्ता के बटवारा से लोकतांत्रिक व्यवस्था भी ठीक रहता है सत्ता में साझेदारी हो जाने से समाज में रहने वाले सभी वर्ग देश के योगदान में अपना योगदान देते हैं ।

अध्यक्ष के हित के बारे में सूचना शुरू कर देते हैं लेकिन अगर सत्ता में साझेदारी नहीं हो तो लोग ऐसा नहीं करेंगे इसलिए सत्ता में साझेदारी को लोकतंत्र का आत्मा भी कहा जाता है ।

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